1. रविवार संगीत वाद्यादि-शिक्षा, स्वास्थ्य, विचार, नै औषधसेवन, मोटर, यान, सवारी, नौकरी, पशु खरीदी, हवन मंत्र उपदेश शिक्षा दीक्षा, अस्त्र शस्त्र, वस्त्र धातु की खरीद व 2. सोमवार कृषि खेती यंत्र खरीदी, वाद-विवाद, न्याय विषयक सलाह कार्य, नवीन कार्य पदग्रहण तथा राज्य प्रशासनिक कार्य, सेना संचालन आदि कार्य शुम। बेचान, फल, वृक्ष लगाना, वस्त्र तथा रत्न धारण, औषध क्रय-विक्रय, भ्रमण-यात्रा, कला-कार्य, स्त्री-प्रसंग, नवीन कार्य, अलंकार धारण, पशु पालन, वस्त्र भूषण , बीज बोना, बगीचा, क्रय-विक्रय हेतु शुभ । 3. मंगलवार- जासूसी कार्य, भेद लेना, चोरी,ऋण देना, विष कार्य, असद् कार्य, अग्नि विषयक कार्य, सेना-संग्राही, युद्ध नीति-रीति, वाद-विवाद निर्णय, साहस कृत्य आदि कार्य शुभ, पर मंगल को ऋण लेना अशुभ है। 4. बुधवार - ऋण देना अहितकर तथा शिक्षा-दीक्षा विषयक कार्य, विद्यारम्भ, अध्ययन, चातुर्यकार्य, सेवावृत्ति, बही-खातक हिसाब-विचार, शिल्प कार्य, निर्माण कार्य, नोटिस देना, गृह- प्रवेश, राजनीति विचार, शालागमन शुभ हैं। 5. गुरुवार - ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा, धर्म-न्याय विषयक कार्य, अनुष्ठान, साइंस, कानूनी व कला संकाय शिक्षा आरम्भ, ग्रह शान्ति, मांगलिक कार्य, नवीन पदग्रहण, वस्त्र आभूषण धारण, यात्रा, ट्रक-ट्रेक्टर, इंजन, मोटर, यान, चालन, औषधसेवन व निर्माण शुभ साथ ही शपथग्रहण शुभद । 6. शुक्रवार - सांसर्गिक काम, गुप्त विचार गोष्ठी, प्रेम- व्यवहार, मित्रता, वस्त्र, मणिरत्न धारण तथा निर्माण, अर्क, इत्र, नाटक, छाया-चित्र, फिल्म, संगीत आदि कार्य शुभ । भंडार भरना, खेती करना, हल प्रवाह, धान्यरोपण, आयु, ज्ञान, शिक्षा शुभ । 7. शनिवार - गृह प्रवेश व निर्माण, नौकर-चाकर रखना, धातु लोह, मशीनरी, कलपुर्जों के कार्य, गवाही, व्यापार विचार, वादविवादादि दुष्टकार्य, वाहन खरीदना, सेवा विषयक कार्य करना शुभ। परन्तु बीज बोना, कृषि खेती कार्य शुभ नहीं ।
जन्म राशि तथा नाम राशि इनके प्रतिफल में अन्तर रहता है। सभी विषय में जन्म राशि प्रधानता नहीं रहती है तो सभी जगह नाम राशि की प्रधानता नहीं, कहां किस विषय में नाम या जन्म राशि का विचार होता है इस हेतु शास्त्रवचन - विवाहे सर्वमांगल्येयात्रादौग्रहगोचरे । जन्मराशेः प्रधानत्वं नाम राशिं न चिंतयेत् ।। विवाह कार्य, सभी मांगलिक कार्य- मुहूर्त-यात्रा विशेष मुहूर्त, दिन-मान ग्रहगोचर गणना दिनदशा हेतु जन्म राशि से ही विचार करना चाहिए तथा प्रचलित नाम राशि हेतु शास्त्रीय वचन यह कि देशेग्रामेगृहेयुद्धे सेवायांव्यवहारके । नामराशेः प्रधानत्वं- जन्मराशिं न चिंतयेत् । अर्थात् देश, ग्रामवास, नगर, घर, युद्ध, सेना, न्यायालय, कोर्ट, रजिस्ट्रीकरण आदि में नाम राशि की ही प्रधानता है, यथा सूत्र पुनरपि - काकिण्यां वर्गशुद्धौ च वादे द्युते स्वरोदये। मंत्रे पूनर्भूवरणे नामराशेः प्रधानता ।। एवं जन्म राशि से विचार करना योग्य नहीं।
आकाश मंडल 360 अंश का एक भचक्र मौजूद है जिसे 12 राशियों व 27 नक्षत्रों में बांटा गया है। इस तरह एक राशि 30 अंश की बनती है। राशियों की गणना सूर्य राशि, चंद्र राशि, नाम राशि तीन तरह से की जाती है। मुख्यतः सूर्य और चंद्र राशि ज्यादा चलन में हैं। लेकिन जब जातक की जन्म तिथि, समय आदि का सही ब्यौरा मौजूद न हो तो उसके नाम से भी राशि का निर्धारण किया जा सकता है। क्र. राशि नाम (rashi name) राशि का अक्षर 1 मेष चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ 2 वृष/वृषभ ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो 3 मिथुन का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह 4 कर्क ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो 5 सिंह मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे 6 कन्या ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो 7 तुला र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते 8 वृश्चिक तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू 9 धनु य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे 10 मकर भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी 11 कुम्भ गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द 12 मीन दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची