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Astro Sneha Sharma,
Pandit Bhushan Sharma.
14 year of experience in field of Astrology. Palmistry Vastu Shastra Horoscope Numerology Lo shu grid
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हस्त रेखा किसे कहते हैं?

हस्तरेखा शास्त्र हथेली में रेखाओं का विशेष महत्व रखता हैl हमारे मस्तिष्क हमारे हथेली में जीवन में होने वाली गतिविधियों का एक ब्यूरा बनाती है जो रेखाओं के रूप में अंकित करती हैl हमारी रेखाएं हमारे होने वाले भविष्य की ओर संकेत करती है और हमें यह बताती है कि हमारा वर्तमान समय और हमारा आने वाला समय कैसा जाने वाला है उसमें कौन सी घटनाएं छुपी हुई है ll इन्हीं रेखाओं के आकलन से हम होने वाली घटना का पता करते हैं l जीवन में जो परेशानियां आ रही है उनके लिए कौन से ग्रह यहां पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं उनका पता हमारे हथेली से चलता है उनके उपाय करके हम परेशानियों से शीघ्र बाहर आ सकते हैं हस्तरेखा शास्त्र जो है वह हमें मार्गदर्शन प्रदान करता है कि हम हमारे जीवन को और ज्यादा कैसे अच्छा बना सकते हैं ll

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वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र वास्तुकला और निर्माण का एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो इमारतों, घरों, मंदिरों और अन्य संरचनाओं को डिजाइन करने के लिए सिद्धांतों और दिशानिर्देशों को निर्धारित करता है l वास्तु शास्त्र में दिशाओं का जमीन का काफी महत्व माना गया है गलत दिशाओं के कारण घर की ऊर्जा जो है वह दूषित होती है जमीन की शुद्धि ना हो तो भी ऊर्जा यहां दूषित होती है जिसके कारण कई सारे बुरे परिणाम जीवन में देखने को मिलते हैं सही वस्तु द्वारा मकान का निर्माण करने पर सुखद जीवन व्यक्ति को प्राप्त होता है सभी सुख संसाधन उसके जीवन में होते हैं और यही यदि बुरा हो तो व्यक्ति के जीवन में उन्नति रुक जाती है घर में बीमारियां लगातार बनी रहती हैं कुछ ना कुछ दुर्घटनाएं होती रहती है वह आत्महत्या करने के विचार भी देखने को मिलते हैं l

जन्म पत्रिका निर्माण

यह आपके जीवन में दर्पण के समान है आपके जीवन में आपका भाग्य उदय कब होगा कब आपका मकान होगा , कब आपका विवाह होगा ,कब आप उन्नति करेंगे,कब आपकी संतान होगी ,स्वयं के राजयोग यह सब कुछ आपका भाग्य का दर्पण यानी आपकी कुंडली स्वयं कि कुंडली बताती है आज ही ऑर्डर करें आपकी अपनी कुंडली अपना भाग्य दर्पण ll

वार्षिक कुंडली

ज्योतिष में वर्ष कुंडली आम तौर पर आपके कुंडली से तैयार की जाती है और आपका यह वर्ष किस प्रकार रहेगा गोचर और आपके दशा के अनुसार यह वर्ष आपके लिए करियर रिश्ते स्वास्थ्य व्यक्तिगत यात्राएं लाभ हानि एवं कर्ज इन पहलुओं को दर्शाती है ग्रहों के प्लेसमेंट की जांच करके इसका निष्कर्ष निकाला जाता है ll

कुंडली दोष

ज्योतिष में, विशेष रूप से वैदिक ज्योतिष (ज्योतिष) में, `कुंडली दोष` किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली (कुंडली) में कुछ ग्रह संयोजनों या स्थानों को संदर्भित करता है जिन्हें प्रतिकूल या समस्याग्रस्त माना जाता है। इस प्रकार के कई सारे दोष होते हैं जैसे केंद्रम योग कालसर्प योग ग्रहण दोष चांडाल योग अंगारक योग दरिद्र योग श्रापित योग विष योग इत्यादि इन योग के बुरे प्रभाव को कुंडली मैं दोष कहते हैं ll

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फायदे - मोती रत्न को पहनने से मानसिक शांति, गुस्सा कम करने में सहायक, एकाग्रता, याददाश्त को बल, सौम्यता व शीतलता, सकरात्मक विचार, मातृ पक्ष से लाभ, आत्मविश्वास, मानसिक स्थिरता, बालारिष्ट योग में, इसके अलावा लंग्स से जुडी समस्या, अस्थमा, माइग्रेन, साइनस, शीत व मानसिक विकार, शरीर द्रव्य, मुत्राशय, में भी लाभदायक । मोती के प्रकार अभ्र, शंख, शुक्ति, सर्प, गज, बांस, शुकर, मीन मोती || मोती धारण करने से पूर्व कुंडली में ग्रह स्थिति, लग्न व राशी, दशा- अन्तर्दशा सम्बंधित विश्लेषण विद्वान् ज्योतिष से करने के उपरांत ही धारण करना चाहिए अन्यथा विपरीत परिणाम की संभावना ।

फायदे - नीलम धारण करने से मन में गहरे विचार, मन शान्त रहता है, वाणी में मिठास, गम्भीरता, बौद्धिकता, तार्किकता एंव संस्कारों में वृद्धि, डिप्रेशन से निजात, तनावमुक्ती, उत्कृष्ट चिकित्सा क्षमता है इंद्रियों को शांत करना और शांति और धैर्य देता है, धन, शुभकामनाएं, अवसर और पदोन्नति, नाम, प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा आदि लाभ दे सकता है, कानून क्षेत्र, मैजिस्ट्रेट्स और कानून प्रैक्टिशनर, उनके पेशे में सफलता |

लकवा, हड्डियों में दर्द, दॉत रोग एंव दमा रोग से पीडित, कमर दर्द, सिर दर्द व कैंसर, रात में घबराहट, भय, पाचन में सुधार, सुस्ती को दूर करता है, में लाभदायक |

फायदे - पुखराज धारण करने से व्यापार तथा व्यवसाय में वृद्धि होती है, अध्ययन तथा शिक्षा के क्षेत्र भी उन्नति, वंशवृद्धि, भूत-प्रेत बाधा से रक्षा, धन-वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति, कल्याणकारी, अविवाहित (विशेषकर कन्याओं को) विवाह सुख, गृहिणियों को संतान सुख व पति सुख, दंपत्तियों को वैवाहिक जीवन में सुख, शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक ओर दैवीय कष्टों से मुक्ति |

हड्डी का दर्द, काली खांसी, पीलिया, तिल्ली, एकांतरा ज्वर, कुष्ठ रोग व चर्म रोग नाशक, सुख व संतोष प्रदाता, बल- वीर्य व नेत्र ज्योतिवर्धक, आयुर्वेद में इसको जठराग्नि बढ़ाने वाला, विष का प्रभाव नष्ट करने वाला, वीर्य पैदा करने वाला, बवासीर नाशक, बुद्धिवर्धक, वातरोग नाशक, और चेहरे की चमक में वृद्धि करने वाला लिखा गया है

फायदे - माणिक रत्न को पहनने से गजब का आत्मविश्वास विकसित होता है, लक्ष्य निर्धारित करने में सहायता, हड्डियां काफी मजबूत होती हैं, त्वचा संबंधी विकारों से भी मुक्ति मिलती है, घर में तनाव, झगड़े आदि अनचाही स्थिति से दूर रखने में सहायक, रिश्तों को बचाए रखने का काम करता है, सकारात्मक उर्जा, प्यार का प्रतीक, दूसरों के प्रति सम्मान, प्यार और आदर की भावना जगती है, आंखों की रोशनी और ब्लड सर्क्युलेशन में सहायक, रचनात्मक शैली, कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन, इत्यादि.. रत्न धारण करने से पूर्व कुंडली में स्थित ग्रह की स्थिति जाँच करने के उपरांत ही धारण करना चाहिए,

फायदे - साहस, बल, उर्जा व आत्मविश्वास वृद्धि, आलस्य दूर करे, बच्चो में नजरदोष व भय दूर करे, उदासी व मानसिक अवसाद दूर करे, रक्त सम्बंधित विकार, मिर्गी व पीलिया, शुगर, मांसपेशियों में दिक्कत, जैसे रोगों में हितकारी |

पुलिस, आर्मी, डॉक्टर, सर्जन, प्रॉपर्टी का काम करनेवाला, कंप्यूटर सॉफ्टवेर व हार्डवेयर, इंजीनियर, विस्फोटक सामग्री के व्यवसाय, मूंगा पहनना लाभदायक मूंगा धारण करने से कुंडली में ग्रह स्थिति, लग्न व राशी, दशा- अन्तर्दशा सम्बंधित विश्लेषण विद्वान् ज्योतिष से करने के उपरांत ही धारण करना चाहिए अन्यथा विपरीत परिणाम की संभावना |

फायदे - पन्ना रत्न धारण करने से, बुद्धि तेज होती है, स्मरण शक्ति पर प्रभाव, रोगियों के लिए बलवर्धक, आरोग्यदायक और सुख देने वाला, नेत्र रोग में लाभदायक, घर में पन्ना रखनेपर अन्न-धन की वृद्धि, सुयोग्य संतान और भूत प्रेत की बाधा शांत होती है, सांप का भय भी नहीं रहता, व्यापार में लाभदायक, शिक्षण में सहायक, गणित और कॉमर्स में सहायक ख़राब हाजमा, गर्भावस्था में, दमा रोग, पौरुष शक्ति में वृद्धि में सहायक | पन्ना धारण करने से पूर्व कुंडली में यह स्थिति, लग्न व राशी, दशा-अन्तर्दशा सम्बंधित विश्लेषण विद्वान् ज्योतिष से करने के उपरांत ही धारण करना चाहिए अन्यथा विपरीत परिणाम की संभावना

इस स्टोन की मदद से इन क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों को जीवन में सफलता पाने में मदद मिलती है। शोधकर्ताओं, वकीलों और शिक्षकों को यह रत्न पहनना चाहिए।

इस रत्र के प्रभाव से व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है और उसकी सोचने की क्षमता में भी सुधार आता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार फिरोजा का संबंध समृद्धि और शांति से होता है किडनी, लियर या इम्यून सिस्टम से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को फिरोजा स्टोन पहनने से अत्यंत लाभ मिलता है। यदि कोई व्यक्ति अपनी भावनाओं को स्पष्ट रूप से प्रकट नहीं कर पाता है, इससे कम्यूनिकेशन, बोलने की क्षमता में सुधार आता है। डिप्रेशन को दूर करता हैऔर व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्म- सम्मान को बढ़ाता है। अगर आपके पास पैसा नहीं टिकता है तो आप टरक्वाइज स्टोन पहन सकते हैं। प्यार के मामले में भी फिरोजा बहुत मदद करता है। विवाहित जोड़ों के बीच फिरोजा स्टोन शांति और प्रेम को बनाए रखता है और विवाह में देर होने से परेशान लोग इस रत्न को धारण कर सकते हैं।

फिरोजा

एक अद्भुत रत्न

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